लगता है भाजपा के लिए विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा । कुछ दिन पहले ही भारतीय फिल्म और टेलीविज़न संस्थान के अध्यक्ष के लिए महाभारत से ख्याति प्राप्त युधिष्टिर की नियुक्ति के बाद मोदी सरकार पर देश के महान संस्थाओं का भगवाकरण करने का आरोप और तेज हो गया था और देश भर में सेक्युलर तबकों ने इसका जमकर विरोध किया । अभी तक ये मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था कि ए. सी. पी. प्रद्युमन का  ख़ुफ़िया विभाग के निदेशक बनाने पर ख़ुफ़िया विभाग के कर्मचारियों ने इसका जमकर विरोध करना शुरू कर दिया है । गृह मंत्रालय ने इस विरोध के पीछे आम आदमी पार्टी के नेता अरविन्द केजरीवाल का हाथ बताया और इसे भाजपा को बदनाम करने की एक सोची समझी साजिश बताया।

ए.सी.पी. प्रद्युमन का ख़ुफ़िया विभाग के बाहर विरोध करते कर्मचारी

गृह मंत्रि राजनाथ सिंह ने कहा, “ए.सी.पी. प्रद्युमन एक बेहद ईमानदार और काबिल सी.आई.डी. अफसर रह चुके है और उनकी काबिलियत आप सभी पिछले 18 सालों  से सोनी चैनल पर देखते आये है। उन्होंने आज तक कभी कोई भी मिशन छुपाकर नहीं किया लेकिन उनके पूर्ववर्ती अधिकारियों ने हमेशा अपने कार्य को गुप्त रूप से ही किया जिसकी वजह से उनपर भरोसा करना सही नहीं था।”
अब जनता लाइव देख पाएगी ख़ुफ़िया विभाग का हर एक मिशन
भारत-म्यांमार सीमा पर चलाये गए ख़ुफ़िया मिशन पर प्रेस कान्फेरेंस में सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री राज्यवर्धन सिंह राठौर भी इस पर टिपण्णी करने से नहीं कतराए और कहा,  “यू.पी.ए. की सरकार द्वारा खड़े किये हुए इस अपारदर्शी तंत्र में जहां हर ख़ुफ़िया मिशन गुप्त रूप से चलाया जाता रहा है ऐसे में ए.सी.पी. प्रद्युमन जैसे पारदर्शी अफसर की नियुक्ति एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में नई मिशाल पेश करेगी।” उन्होंने पत्रकारों को नए चैनल के बारे में जानकारी दी जिस में अब ख़ुफ़िया विभाग के हर एक मिशन का लाइव टेलेकास्ट दिखाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस चैनल को जल्द से जल्द उपलब्ध करवाने के लिए   पी.पी.पी. प्रोग्राम के तहत रिलाइन्स एंटरटेनमेंट से बात चीत चल रही है ।
विपक्ष का विरोध तेज, कहा गैर कानूनी और असंवैधानिक है ये नियुक्ति
 सीनिअर इन्स्पेक्टर दयानंद शेट्टी जो ए.सी.पी. प्रद्युमन के सबसे भरोसेमंद सहायक रह चुके है उन्होंने फेकिंग न्यूज़ को बताया, “ख़ुफ़िया विभाग के निदेशक के लिए ए.सी.पी. प्रद्युमन और ब्योमकेश बक्शी का नाम सबसे आगे था, लेकिन प्रद्युमन सर की बुद्धिमत्ता और फुर्ती के आगे ब्योमकेश बक्शी टिक नहीं पाए।”
इस बयान ने पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बैनरजी को भी उत्तेजित किया, और उन्होंने डी डी बांगला को दिए गये एक ब्यान में कहा “ब्योमकेश बक्शी जैसे काबिल सत्यान्वेषी के जगह एक संघ कार्यकर्ता को ख़ुफ़िया विभाग का निदेशक बनाना भाजपा की एक कुंठापूर्ण गतिविधि है।” तृणमूल कॉंग्रेस के जनसंपर्क अधिकारी श्री दिबाकर बैनर्जी ने ए.सी.पी. प्रद्युमन की नियुक्ति को सरासर गैर संवैधानिक बताया और कहा “इस पद की नियुक्ति के लिए सरकारी सेवा में अनुभव चाहिए होता है जो कि सिर्फ ब्योमकेशदा के पास है और इसका साक्षात् प्रमाण दूरदर्शन आर्काइव्स में भी है, क्या ए.सी.पी. प्रद्युमन के पास कोई सरकारी दस्तावेज है जो यह साबित कर सके?”
तृणमूल कॉंग्रेस के इलज़ाम को सही ठहराते हुए आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता श्री आंसूतोष सिंह ने कहा, “प्रद्युमन कोई ए.सी.पी. नहीं है और उसका आई.पी.एस. होने का दावा भी झूठा है; हमारे पास इस नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का अधिकार है।”  उन्होंने आशंका जताया कि शायद इस नियुक्ति के पीछे गुजरात की कंपनी एस्सार का हाथ है जिसने पिछले साल ही ख़ुफ़िया विभाग के ज़रिये अपने सबसे बड़े दुश्मन ग्रीनपीस की बत्ती लगायी थी। उनका ये मानना है कि एस्सार और रिलाइन्स जैसी कम्पानिओं ने सोनी चैनल को फंड किया जिससे भारत के जनता के बीच ए.सी.पी. प्रद्युमन के बारे में एक साफ़ सुथरी, ईमानदार और कठोर छवि पेश की जा सके पर असल में वो उन भ्रष्ट कॉर्पोरेट गुटों के एक नुमाइंदे है जो अब सिर्फ उनके लिए ही काम करेगा ।
नहीं हो पाया इंस्पेक्टर दया की पदोन्नति

इंस्पेक्टर दया और बाजीराव सिंघम की  फ़ाइल फोटो। बाजीराव को मानसिक दौरा पड़ने के बाद इन्स्पेक्टर दया ने ही उनको मुंबई पुलिस में वापसी करने में मदद की थी  और साथ में कई बड़े मामलों को सुलझाया।
इंस्पेक्टर दयानंद उर्फ़ दया ए.सी.पी. प्रद्युमन के बेहद नजदीकी ही नहीं बल्कि सबसे पुराने साथी रहे है और इन दोनों ने साथ में पिछले 2 दशकों में 1500 से भी अधिक मामले सुलझाये है और कई विश्व रिकॉर्ड भी बनाये है । सूत्रों के मुताबिक़ ए.सी.पी. प्रद्युमन के स्थातान्तरण के बाद इन्स्पेक्टर दयानंद शेट्टी अब सी.आई.डी. में अस्थायी रूप से ए.सी.पी. की भूमिका में अपनी सेवाएं देंगे जबतक इस पद के लिए नयी नियुक्ति नहीं की जाती । ए.सी.पी. प्रद्युमन के जाने के बाद दया को ही इस पद के लिए प्रमुख दारोमदार आंका जा रहा था लेकिन शायद गृह मंत्रालय को उनका मोटापा और योग में नादिलचस्पी पसंद नहीं आया ।
यह पूछने पर कि दयानंद जैसे अनुभवी इंस्पेक्टर को ये ज़िम्मेदारी स्थायी रूप से क्यों नहीं दी जा रही इस पर नाम न लेने के शर्त पर गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने फेकिंग न्यूज़ को बताया कि इस पर विचार किया जा चुका है  लेकिन देशभर के बढ़ई यूनियनों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई थी कि शायद इससे उनके रोज़गार को क्षति पहुंचेगी और कई हज़ार लोग बेरोजगार हो सकते है । इसलिए अब ए.सी.पी. के पद को भरने के लिए महाराष्ट्र कैडर के जांबाज़ इंस्पेक्टर बाजीराव सिंघम और फैजाबाद के फर्जी डिग्री गिरोह का भंदाफोड करने वाले उत्तर प्रदेश के दबंग इंस्पेक्टर  चुलबुल पाण्डेय को नियुक्त करने पर गृह मंत्रालय विचार कर रही है ।
फिलहाल इन दोनों का शारीरिक परीक्षण बाबा रामदेव के पतंजलि योग पीठ में चल रहा है और जल्द ही किसी एक को इस पद के लिए नियुक्त कर लिया जाएगा ।
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